अब आगे।।।।।।।।।।।।।
बड़ी हवेली___________,
घर के सब औरते मिलकर खाना बना रहे थे क्योंकि भारती जी को पसंद नहीं उनका खाना नौकर बनाए।
तभी एक मेड आई और वेदिका से बोली,
मेड_हुकुम रानी सा आपको हुकुम सा बुला रहे थे।
वेदिका_आप जाइए में आती हूं।
मेड वहां से चली गई।
वेदिका_मासा में अभी आई।
आभा जी_ठीक है।
बोलकर वेदिका अपने कमरे की तरफ चली गई
वीरेंद्र के रूम में............,
वेदिका अंदर आते हुए बोली,
वेदिका_हुकुम सा अपने मुझे!!!!!
आगे शब्द उसके मु में ही रह गए क्यू की वीरेंद्र ने उसे वॉल से लगाकर उसके होटों को चूमने लगा था।
वेदिका_अम्मम्म उम्मम्म।
वेदिका किसी तरह अपने होटों को अलग करके कुछ बोलने की कोशिश करने लगी तो वीरेंद्र की हरकतों की वजह से वो कुछ बोल ही नहीं पा रही थी।
क्यू की वीरेंद्र लगातार उसके गर्दन और कंधे पर किस कर रहा था।
वेदिका_हु....हुकुम सा रुक जाइए ना।
वीरेंद्र_छोरी तू जानती है मुझे थारी लत लग गई है इसी लिए मुझे सिर्फ तू चाहिए।
वीरेंद्र के मु से ये सुनकर वेदिका की भी हालत खराब हो रही थी लेकिन उसे नालंदा जी के बात याद आई तो वो जल्दी से बोली,
वेदिका_लेकिन आप मेरे करीब नहीं आ सकते।
वीरेंद्र वैदिक के मु से ये सुनकर रुक गया और अपने शर को ऊपर करके बोला,
वीरेंद्र_मतलब क्या है थारा?
वेदिका_वो बड़ी दादी अम्मा ने मन्नत मांगी है इसी लिए जो कोही भी उनके कम करेंगे वो अपने पति के साथ कुछ रिश्ता नहीं बना सकते।
वीरेंद्र गुस्से में बोला,
वीरेंद्र_मन्नत वो मांगी है लेकिन हम क्यू दूर रहे! तू जानती है ना मुझे तू रोज चाहिए।
वेदिका कुछ नहीं बोली जिसे देखकर वीरेंद्र गुस्से में वहा से निकल गया।
वीरेंद्र को ऐसा जाते देख वेदिका आखों में नमी लिए बोली,
वेदिका_में क्या करू इसमें दादी अम्मा की हुकुम है और हुकुम सा मुझसे गुस्सा हो गए।
अगर हुकुम सा को पता लग गया एक महीने के लिए उन्हें हमसे दूर रहना है तो क्या होगा
रसोई में..........,
वेदिका को दुखी देख आभा जी के साथ साथ सब भी परेशान हो गए क्यू की वेदिका अभी तो ठीक थी लेकिन इतने में क्या हुआ।
आभा जी_बिंदनी क्या हुआ तुझे?
वेदिका आभा जी के गले लगकर रोने लगी जिससे आभा जी और परेशान हो गए।
आभा जी_क्या हुआ वीरेंद्र ने कुछ कहा है क्या?
वेदिका ने हा में शर हिला दिया जिसे देखकर आभा जी बोली,
आभा जी_क्या हुआ क्या कहा उसने?
वेदिका उनसे अलग हुई और शर झुकाकर बोली,
वेदिका_वो....वो मेरे करीब आना चाहते थे लेकिन मैने उन्हें आने नहीं दी दादी अम्मा के बात मानकर इस लिए गुस्सा हो गए।
ये सुनकर आभा जी कुछ सोचकर बोली,
आभा जी_आरती तू भी ध्यान से सुन और आनंदी तू जा यहां से मुझे थारे भाभियों से बात करनी है।
ये सुनकर आनंदी रसोई से चली गई जिससे अब वह वेदिका आरती और आभा जी ही बचे थे।
आभा जी_ये सब अजीब है लेकिन क्या करू में भी एक बीवी हूं इसी लिए में समझती हूं तुम दोनो की परेशानी को इस लिए ध्यान से सुनना मेरी बात की।
जब भी तुम्हारे पति करीब आते है उन्हें रोकना नहीं और करीब आने के बाद नहा लेना ताकि तुम दोनो शुद्ध हो जाओ ठीक है।
आरती और वेदिका ने शेम की वजह से सिर्फ हा में शर हिला दिया।
आभा जी_और हा ये बात बड़ी अम्मा और अम्मा जी को पता ना चले।
आरती/वेदिका_जी।
उसके बाद तीनो दोबारा कम में लग गए।
रात का वक्त..........,
वीरेंद्र को अभी तक कमरे में आता ना देख वेदिका कमरे से निकली और वो नौकर से पूछी,
वेदिका_हुकुम सा कहा है?
नोकर_हुकुम रानी सा हुकुम सा टैरिस पर है।
वेदिका_ठीक है।
वेदिका वहा से टैरिस पर चली आई।
वेदिका ने देखा वीरेंद्र खड़े स्मोक कर रहा था जिसे देखकर वेदिका ने हल्की सी स्माइल की और वीरेंद्र के पास जाकर उसे पीछे से हग कर लिया।
लेकिन वीरेंद्र ने कोई हरकत नहीं की जिसे देख वेदिका के दिमाग में कुछ सूचा और अपने हाथ को नीचे ले जाकर वीरेंद्र के पार्ट को मुट्ठी में भरकर सहलाने लगा।
जिससे वीरेंद्र ने वेदिका के हाथो को हटाया और थोड़ा गुस्से में बोला,
वीरेंद्र_छोरी तंग मत कर! तू तो अभी बाकी के बात मानकर मुझसे दूर रहेगी।
वेदिका_नहीं हुकुम सा।
वीरेंद्र_मतलब?
वेदिका_वो मासा ने कही है कि हम दोनों करीब आ सकते है।
वीरेंद्र_फिर तब तू बड़ी दादी अम्मा की सेवा कैसे करेगी?
वेदिका_हम नहा लेगे मासा ने कही है।
वीरेंद्र की आंखे चमक उठी और वो जल्दी से बोला,
वीरेंद्र_क्या में थारे करीब आ सकता हूं?
वेदिका ने हा में शर हिला दिया।
ये सुनकर वीरेंद्र ने उसे टैरिस के दूसरे तरफ ले गया जहां सिर्फ अंधेरा था और वह कोही आता भी नहीं था पीछे होने की वजह से।
वेदिका_आप हमें यह क्यू लाए?
वीरेंद्र_आज में यहां ही तेरे अन्दर खुद को महसूस करना चाहता हूं।
बोलकर वेदिका के होटों को चूमने लगा।
Write a comment ...