02

Chapter 42 - "टैरिस पर वाइल्ड रोमांस"

अब आगे।।।।।।।।।।।।।।

टैरिस पर..........,

वीरेंद्र वेदिका को वॉल से लगाकर उसे होटों को बेशब्रो के तरह चूमे जा रहा था।

वेदिका उसे बार बार रोकने की कोशिश कर रही थी क्यू की उसे डर था कोही आ ना जाए लेकिन वीरेंद्र कहा रोकने वाला।था।

काफी लम्बी किस के बाद वीरेंद्र ने उसके होटों को छोड़कर उसके गर्दन को चूमने लगा।

वेदिका सिसकियों लेते हुए बोली,

वेदिका_अम्मम्म हुकुम सा रूम में चलिए ना।

वीरेंद्र_नहीं छोड़ी रूम में तो हम रोज ही करते है लेकिन आज मुझे इस खुले आसमान में तेरे अंदर खुद को महसूस करना है।

वेदिका_अगर कोही आ गया तो?

वेदिका के बार बार रोकने से वीरेंद्र गया और टैरिस के डोर को बंद कर दिया और फिर वेदिका से बोला,

वीरेंद्र_अब ठीक है! अब कोही भी नहीं आ सकता।

वेदिका ने हा में शर हिला दिया।

वीरेंद्र ने वेदिका के सारी को उसके बदन से अलग करके उसके ब्लाउज और ब्रा को भी निकल दिया और अब वो घुटने के बल बैठ वेदिका के पेटी कोट को निकल दिया।

जिससे अब वेदिका वीरेंद्र के सामने सिर्फ अपने ब्लू पैंटी में खड़ी हुई थी जिसे वीरेंद्र ने जल्द ही उसके बदन से अलग कर दिया।

वीरेंद्र ने वेदिका के एक टांग को अपने कंधे पर रखा और अपने फेस को वेदिका के सॉफ्टनेस पर रख उसे चूसने और चाटने लगा जिससे वेदिका की पकड़ वॉल पर कस गई।

वेदिका अपने सिसकियां को रोकने के लिए दांतों तले होठों को दबा दी जिससे उसके मु से सिसकी ना निकले लेकिन वीरेंद्र के वाइल्ड हरकतों के वजह से वेदिका चाहकर भी अपने सिसकी रोक नहीं पा रही थी।

वेदिका_अह्ह्ह्ह हु....हुकुम सा अम्मम्मम्म।

वीरेंद्र की आहे सुनकर वीरेंद्र खड़ा हुआ और बोला,

वीरेंद्र_छोरी कपड़े उतार मारे।

वेदिका ने अपने हाथो को आगे किए एक एक करके वीरेंद्र के कपड़े को निकल दी।

वीरेंद्र ने वेदिका के एक उभार के निप्पल को मु में भरकर चूसने लगा तो दूसरे को मुट्ठी में भरकर मसलने लगा साथ ही अपने दूसरे हाथ से वेदिका के हाथ को पकड़कर अपने हार्डनेस पर रख दिया और बोला,

वीरेंद्र_सहला इसे।

बोलकर अपने दो उंगली वेदिका में डाल कर उसे मूव करने लगा! वेदिका भी वीरेंद्र के हार्डनेस को आगे पीछे करने लगा।

वीरेंद्र प्लेजर की वजह से जोर जोर से वेदिका के निप्पल को चूसने लगा जिससे वेदिका को अपने उभारों पर दर्द होने लगी।

वेदिका_अह्ह्ह्ह हुकुम सा दर्द कर रही है अम्मम्म।

वीरेंद्र ने अपने उंगली को बाहर किया और उसे मु में भरकर चूस दिया जिसे देखकर वेदिका के गाल एक दम लाल हो गए।

वीरेंद्र हल्का सा झुका और अपने हार्डनेस को वेदिका के अंदर डाल दिया जिससे वेदिका की पकड़ वीरेंद्र के कंधे पर कस गई।

वीरेंद्र वेदिका को तेज तेज झटके देने लगा जिससे वैदिक की सिसकी उस टैरिस में किसी मधुर संगीत की तरह गूंजने लगी।

प्रियम के रूम में...........,

आरती बिना कपड़ो के प्रियम के सामने खड़ी हुई थी और प्रियम उसके सामने नेकेड सोफे पर बैठा अपने हार्डनेस को सहला रहा था।

प्रियम_तो बोलो क्या पनिशमेंट दिया जाए तुम्हे?

आरती_वो...वो में!

(प्रियम ने आरती को कमरे में उसके सामने नेकेड रहने के लिए बोला था लेकिन आरती भूल गई थी इसी लिए प्रियम सजा देने की बात कर रहा)

प्रियम_यह आओ मेरे गोद में बैठो।

बोलकर अपने थाई को सहलाने लगा प्रियम।

आरती धीरे धीरे आई और प्रियम के गोद में बैठ गया जिसे प्रियम ने आरती के कमर से पकड़कर उसे अच्छे से बैठा दिया।

जिससे अब आरती की दोनों टांगे प्रियम के कमर के दोनो तरफ थे।

प्रियम आरती के सॉफ्टनेस के साथ अपने हार्डनेस को रगड़ने लगा जिससे आरती की हालत खराब होने लगी थी।

आरती_अह्ह्ह्ह प्रियम जी।

प्रियम आरती के निप्पल को उंगली से खींचते हुए बोला,

प्रियम_क्या बोलो?

आरती_अम्मम्म ऐसे तंग मत करिए ना अह्ह्ह्ह।

प्रियम_बोल ना छोरी तुझे क्या चाहिए।

बोलकर प्रियम ने आरती के एक उभार को मु में भरकर चूसने लगा।

आरती_अह्ह्ह्ह मुझे आप चाहिए।

बस आरती की बोलने की देरी थी प्रियम ने आरती को कमर से पकड़कर ऊपर किया और एक झटके से अपने हार्डनेस को आरती में डालकर झटके देने लगा।

आरती_उम्मम्म।

आरती की कामुक सिसकी पूरे रूम में गूंजने लगी।

आउट हाउस में..........,

ऑन कॉल ______________,

निशा_मां मैने आपसे कितनी बार कही है कि आप जब तक शादी तोड़ नहीं देते में वह आने वाली नहीं।

निशा की मां उससे कुछ कहती की उसे बाबा ने फोन को छीनते हुए गुस्से में बोला,

निशा के बाबा_भूल मत छोरी हमने तुझे जन्म दिया है इसी लिए शादी तो तुझे मेरे पसंद के लड़के से ही करने होगी।

निशा_अपने जन्म देखकर कुछ अलग नहीं किया बाबा! और अगर अपने एक बाप होने के नाते मेरी शादी तय कराते तो मुझे कुछ दिक्कत नहीं थी लेकिन अपने पैसे के लालच में आकर उस घटिया आदमी से शादी कराना चाहते है जिसे में हरगिज नहीं करुगी।

बोलते हुए निशा ने जैसे ही घूमी तो अपने सामने विनाश को देख उसके हाथ से फोन फर्श पर गिरकर टूट गए।

निशा अपने कपटे हुए जुबान से बोली,

निशा_वो....में आपको।

निशा अपनी बाते पूरी कर पति उससे पहले विनाश वहां से चला गया जिसे देखकर निशा रोते हुए उसके पीछे भागी।

Frneds end sheyar my chapter all reads

Write a comment ...

Write a comment ...