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Chapter 43 - "निशा का खुद को विनाश को सोपना"

अब आगे।।।।।।।।।।।।।

विनाश के रूम में..............,

निशा विनाश के पीछे पीछे उसके कमरे तक आ गई थी।

निशा_प्लीज विनाश जी मेरी बात तो सुनिए! में आपसे कहना चाहती थी लेकिन!

विनाश गुस्से में निशा के दोनो बाजू पकड़ बोला,

विनाश_क्या बताना चाहती थी कि तुम्हारे शादी तय हो चुकी है वहीं ना?

अगर तुम्हे किसी और से शादी करनी थी तो मेरे साथ क्यूं खेले इतने समय तक।

बोलकर विनाश झटके से निशा को छोड़ दिया।

निशा_आपको ये लगता है! तो अपने मुझे यही तक पचाना की मैने आपसे प्यार नहीं आपके साथ कोही खेल खेल रही थी।

निशा ने जाकर डोर को बंद किया विनाश के सामने आकर खड़ा हो गया जिसे विनाश बिना समझे देखने लगा।

निशा_आपको मुझपर मेरे प्यार पर भरोसा नहीं है ना तो ठीक है में भी बहुत जिद्दी हूं आपको मेरे प्यार पर भरोसा दिलाकर ही रहूंगी।

बोलकर निशा अपना हाथ पीछे ले जाकर कुर्ती के चैन को ओपन किया जिससे उसके बदन से कुर्ती सरक कर नीचे फर्श पर गिर पड़ी।

फिर निशा ने एक एक करके अपने बाकी के कपड़े निकल दिया जिससे अब निशा विनाश के सामने नेकेड खड़ी हुई थी।

निशा चलते हुए विनाश के करीब आया और उसके दोनो हाथो को पकड़कर अपने उभारों पर रख दिया और बोली,

निशा_एक लड़की जब किसी से अपने दिलों जन से प्यार करती है भरोसा करती है तब उसे अपने जिस्म को सौंपती है इसी लिए में आज आपको अपना ये जिस्म सौंपता हूं।

विनाश ने जल्दी से अपने हाथो को झटका और निशा को अपने बाहों में भर लिया निशा ने भी उसे अपने बाहों में भर लिया।

विनाश_अगर मुझे थारे जिस्म से प्यार होता ना तो कब का उसे में पा लेता लेकिन मुझे तेरे रूह से प्यार है इसी लिए हमारे बीच जो कुछ भी होगा वो हमारे शादी के बाद होगा।

बोलकर विनाश ने निशा के फेस को ऊपर किया और उसके माथे को चूम लिया जिसके एहसास से निशा ने अपने आखों को बंद कर लिया।

विनाश_अब मुझे सच सच बता बात क्या है?

बोलकर विनाश ने निशा के बदन को चद्दर से कवर किया और उसे लेकर सोफे पर बैठ गया! निशा इस बख्त विनाश के गोद में बैठी हुई थी।

निशा बोलने लगी,

निशा_वो लड़का हमारे वहां के काफी अमीर और गुंडा मावली टाइप का है! में रोज कॉलेज जाती तो वो मुझे परेशान करता था और मुझे...मुझे।

विनाश_छोरी सबकुछ जानना है मुझे।

निशा_जब में कॉलेज जाती तो वो मौका देख मुझे छूने की कोशिश करता।

एक दिन जब मुझसे और बर्दाश्त नहीं हुआ तो मैने बाबा को बता दिया और वो कहे कि वो उस लड़के से बात करेगी लेकिन उस शाम वो लड़का खुद ही घर आ गया उसका रिश्ता लेकर मेरे लिए और बाबा को पैसे के लालच दे हा करा लिया।

फिर एक दिन जब घर में मा बाबा कोही नहीं था वो लड़का आया और मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा भगवान का सूकर है कि सही टाइम पर मां आ गई और उसने मुझे बचा लिया! लेकिन जब मैने बाबा को बताया तो बाबा ने कहा कि वो मेरे होने वाले पति है वो मेरे करीब आ ही सकते है।

इसी लिए मुझे और कुछ सूजा नहीं और में उनको बिना बताए यहां मासी के पास आ गई।

विनाश गुस्से में बोला,

विनाश_उस हरमी की इतनी हिम्मत तेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की उसे तो में!

निशा विनाश के फेस को पकड़कर अपने तरफ किया और बोली,

निशा_नहीं आपको मेरी कसम आप उस झमेले में नहीं पड़ेगी।

विनाश_लेकिन ऐसे कैसे जब तुम वह जाओगे तब तो वो!

निशा_कोन कहे कि में वह जाने वाली हूं! मैने मासी से कह दिया है उन्होंने कहा है कि वो हुकुम सा से बोलकर मुझे वेदिका के कॉलेज में एडमिशन दिलबा देगे।

और मैने सोचा है कि कोही छोटा मोटा कम देख कर लूंगी।

विनाश_चल छोरी हम शादी कर लेते है उसके बाद कोही कुछ नही कर पाएगा।

निशा_ये आप क्या कह रहे है।

विनाश_हा मैने सोच लिया हैं कल हम मंदिर में जाकर शादी करेंगे उसके बाद जब तुझे ठीक लगेगा हम सबको बता देगे।

निशा_लेकिन?

विनाश_लेकिन वेकिन कुछ नहीं तुझे मेरी कसम।

निशा_ठीक है।

निशा की हा सुनकर विनाश खुशी से उसे किस करने लगा।

दोनो अभी एक दूसरे में खोए हुए थे ही की इसी बीच विनाश के फोन रिंग करने लगा जिसे सुनकर विनाश ने ना चाहते हुए भी निशा को छोड़ा और फोन लेकर बालकनी में चला गया।

वही निशा विनाश के रूम को अच्छे से देखने लगी तभी उसकी नजर बड़े से डोर पर पड़ी जिसे देखकर वो अपने आपसे बोली,

निशा_ये क्या है?

निशा आगे चलकर उसे जैसे ही ओपन की उसके आंखे बड़ी बड़ी हो गई।

निशा_इतना बड़ा वार्डरोब! नहीं नहीं ये तो वैसा है जैसे मैने टीवी पर देखी थी इसे तो क्लोसेट कहते है।

निशा देख ही रही थी कि इस बीच विनाश भी आ गया और उसे पीछे से हग करते हुए बोला,

विनाश_क्या देख रही है तू?

निशा_बिनाश जी ये तो एक दम मैने जैसे फिल्मों में देखी थी ठीक वैसे ही है।

विनाश_तुझे पसंद आया?

निशा_हा बोहोत।

विनाश_कल से ये तेरा भी ही जायेगा।

निशा_वो कैसे?

विनाश_ऐसे क्यू की कल हम मंदिर में शादी कर रहे है उसके बाद जो कुछ मेरा है वो तेरा भी होगा ना।

बोलकर विनाश ने निशा के गर्दन को चूम लिया।

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