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Chapter-46 सुहागरात & न्यू एंट्री

अब आगे।।।।।।।।।।।।

        रात का वक्त...........,

विनाश निशा को लेकर राजस्थान से दूर जंगल के बीच में बने एक खूबसूरत सी कॉटेज पर ले आया! उस कॉटेज को देख निशा बोलो,

निशा_विनाश जी ये तो बोहोत खूबसूरत है।

विनाश ने निशा को पीछे से बाहों में भर उसके गर्दन को चूमते हुए बोला,

विनाश_लेकिन तुमसे कम।

निशा शर्माते हुए बोली,

निशा_विनाश जी आप भी ना! छोड़िए मुझे भूख लगी है।

विनाश ने उसे छोड़ दिया और टेबल के तरफ दिखाते हुए बोला,

विनाश_ये रहा खाना तुम खा लो तब तक में एक कॉल करके आया।

निशा_आप नहीं खाएगे?

विनाश_में तो आज रात तुम्हे खाने वाला हूं।

बोलकर विनाश वहां से बालकनी की तरफ चला गया।

निशा शर्म से लाल हुए जा रही थी विनाश की इस तरह की बाते सुनकर।

निशा सोफे पर बैठी और खाने लगी क्युकी उसे बहुत तेज भूख जो लगी थी।

    विनाश रूम में आते हुए बोला,

विनाश_अब ये लड़की कहा चली गई?

तभी विनाश को बाथरूम से पानी गिरने की आवाज आई जिसे सुनकर विनाश के फेस पर नॉटी स्माइल आ गया और विनाश ने अपने शर्ट को खोलकर बाथरूम की तरफ बढ़ गया।

बाथरूम में..........,

निशा नेकेड शावर के नीचे नहा रही थी उसे अपने पीछे किसी के होने का एहसास हुआ जिससे वो झट से घूमी तो सामने विनाश को देख जल्दी से वो टॉवेल लेने को हुई की विनाश ने उसे कमर से पकड़कर वॉल से लगा दिया।

अब दोनों के ऊपर शावर का ठंडा पानी गिर रहा था।

निशा_आ....आप यहां क्या कर रहे है?

विनाश_में सुहागरात मनाने आया हूं! सब तो बेडरूम में मनाते है क्यू ना हम बाथरूम में सुहागरात मनाए।

बोलकर विनाश ने अपने हॉट निशा के होटों पर रखकर उसे चूमने लगा! निशा भी विनाश का साथ दे रही थी।

निशा के हाथ विनाश के बालो में चल रहे थे।

  थोड़ी देर बाद विनाश उसके होटों को छोड़कर उसके गर्दन कंधे को चूमते हुए सक करने लगा।

निशा_अह्ह्ह्ह्ह्ह विनाश जी अम्ममममम्म।

निशा के सिसकियों के बीच अपने नाम को सुनकर विनाश और उत्तेजित हो कर निशा के बदन के हर एक कोने को चूमने हुए अब वो निशा के उभारों को मु में भरकर चूसने लगा तो दूसरे को मुट्ठी में भरकर मसलने लगा।

प्लेजर को वजह से निशा की आहे और तेज हो गई।

निशा का हाथ विनाश के चेस्ट से सरकते हुए अब विनाश के पेंट के ऊपर चला गया जिसे निशा ने उसके जिप को खोलकर उसके अन्दर हाथ डालकर विनाश के हार्डनेस को सहलाने लगा जो और बड़ा हो रहा था।

निशा के ऐसा करने से विनाश और वाइल्ड हो गया! और निशा को कमर से पकड़कर बाथरूम के स्लैब पर बैठकर उसके टांगो को अलग करके उसके बीच खड़ा हुआ और एक दफा और उसके होटों को चूमते हुए उसके मु को एक्सप्लोर करने लगा।

निशा ने विनाश को अपने से दूर किया तो विनाश उसे देखने लगा! निशा स्लैब से उतरी और विनाश को स्लैब से सटाकर खड़ा कर दिया और उसके चेस्ट को सहलाते हुए बोली,

निशा_अब मेरी बारी।

बोलकर निशा ने अपने हॉट विनाश के चेस्ट पर रख दिया और उसे चूमते हुए लीक करने लगा।

विनाश_अह्ह्ह्ह्ह Fu*k।

विनाश की आहे सुनकर निशा के गाल लाल हो गए।

निशा चूमते हुए विनाश के सामने घुटने के बल बैठी और उसके पैंट को निकलने की कोशिश करने लगी लेकिन पेंट था कि जो निकलने को तैयार नहीं था।

निशा के झुंझलाट देख विनाश हंसते हुए पैंट को निकल दिया जिससे अब निशा के सामने विनाश के हार्ड को चुके हार्डनेस था जिसे निशा ने विनाश के आखों में देखते हुए मु में भरकर चूसने लगा।

इसी के साथ विनाश की पकड़ निशा के बालो पर चला गया और वो उसके बालो को मुट्ठी में भरकर उसके शर को अपने हार्डनेस पर दबाव देने लगा।

निशा को ऐसा लग रहा था कि विनाश के पार्ट उसके गले तक जा रहा है।

विनाश_Fu*king Awesome।

विनाश के इस तरह के बाते सुनकर निशा को अपने नीचे गिला पान महसूस हुआ।

विनाश ने निशा को झटके से गोद में उठाया और उसे लेकर बेडरूम में चला गया।

बेडरूम में............,

बेडरूम में आकर विनाश निशा को लेकर लेट गया फिर विनाश निशा के नीचे जाकर उसके टांगो को अलग किया और उसके सॉफ्टनेस को जीव से लीक किया।

विनाश_"You Are Wet For Me"।

विनाश के इस तरह के बाते सुन निशा शर्म से अपने टांगो को एक करना चाहा तो विनाश ने उसके टांगो को फैलाए और अपने हॉट वहां रख उसे वह चूसने और चाटने लगा इसी के साथ निशा की कमर ऊपर को उठ गई जिसे विनाश ने और कस कर पकड़ लिया।

प्लेजर की वजह से निशा के पूरा बदन कप रहा था उसके पकड़ बेडशीट पर कस गई।

निशा_अह्ह्ह्ह विनाश जी अम्मम्मम।

विनाश_हा बोल छोरी।

निशा_अम्मम्म विनाश जी कुछ करिए ना?

विनाश_अभी किया बेबी।

बोलकर निशा के ऊपर आया उसके टांगो को अपने कमर पर रेप किया और बिना वार्निग दिया विनाश निशा में शमा गया।

निशा_अह्ह्ह्ह विनाश जी दर्द हो रही है आप निकालिए बाहर अम्मम्म।

विनाश ने उसके शर को चूमते हुए बोला,

विनाश_खुद को डीला छोड़ दे देखना थोड़ी देर में अच्छा लगेगा।

बोलकर विनाश कुछ पल रुका और फिर जब देखा निशा ठीक है तो वो उसे झटके देने लगा।

जिससे उस रूम में थोड़ी ही देर में निशा की कामुक सिसकियां गूंजने लगी

निशा_अह्ह्ह्ह विनाश जी अम्मम्मम उम्मम्मम्म।

दूसरे तरफ! बड़ी हवेली............,

सब खाना खाकर सोने जा ही रहे थे कि हवेली के डोर नोक होने लगा जिसे सुनकर नालंदा जी बोली,

नालंदा जी_इतने रात को कोन आया होगा?

राजेंद्र जी एक नोकर से डोर खोलने के लिए बोला तो नौकर ने जाकर डोर को खोल दिया।

सामने से एक लड़की चलते हुए अंदर आई और सीधा वीरेंद्र के गले से लग गई जिससे साइड खड़ी वेदिका की आंखे एक दम से बड़ी बड़ी हो गई।

वीरेंद्र ने उस लड़की को जल्दी से खुद से अलग किया तो वो लड़की बोली,

माया_वीरेंद्र कैसे हो तुम?

वीरेंद्र_माया तू ऐसे अचानक यहां?

"माया सिंह" वीरेंद्र के बचपन का दोस्त जो दिल्ली में रहता है! माया के पापा और राजेंद्र जी बिजनेस पार्टनर है जिसके वजह से उनका आना जाना हवेली में होता रहता था इसी लिए बचपन से माया वीरेंद्र के साथ ही रहता था।

हालांकि माया वीरेंद्र से तीन साल छोटी थी फिर भी माया वीरेंद्र को उसके नाम से ही बुलाती है।

माया_क्यू अपने दोस्त से मिलने नहीं आ सकती क्या?

राजेंद्र जी_माया तेरे पापा भी आए है क्या?

माया_अंकल वो दो दिन बाद आने वाले है।

नालंदा जी_तो तू छोड़ी इतने दूर से तू अकेली आई है?

माया_ हा दादी अम्मा।

राजेंद्र जी_ठीक है माया तू जाकर सो जा वैसे भी रात बहुत हो गया है।

माया_नहीं अंकल आज कितने दिनों बाद में वीरेंद से मिली हूं आज में पूरी रात उससे बाते करूंगी पहले भी तो हम पूरे रात बाते करते थे।

नालंदा जी_छोरी पहले की बात अलग है और अब की बात अलग है तब तुम दोनो बच्चे थे अब नहीं और वैसे भी अब वीरेंद्र की शादी हो चुकी है।

शादी का जिक्र सुनकर माया को एक तेज झटका लगा और वो बोली,

माया_आप मजाक कर रहे हो ना दादी अम्मा क्युकी में जितनी जानती हूं वीरेंद्र को तो शादी ही करनी नहीं थी।

नालंदा जी वीरेंद्र के साइड खड़ी वेदिका को दिखाकर बोली,

नालंदा जी_छोरी ये है हमारे वीरेंद्र की पत्नी " वेदिका वीरेंद्र प्रताप सिंह राठौर" और राजस्थान के हुकुम रानी सा।

माया ने जैसे ही वेदिका को देखा उसके आखों में एक नफरत सी आ गई जिसे वेदिका ने भी देख लिया था लेकिन ऐसा क्यू वेदिका को समझ नहीं आया उस पल।

आभा जी_माया बेटा आओ में तुम्हे तुम्हारे रूम दिखा देती हूं।

माया चुप चाप आभा जी के साथ कमरे की तरफ चली गई।

वेदिका माया को जाते हुए देख खुद से बोली,

वेदिका_मेरे दिल इतना क्यू घबरा रही है जैसे लग रही है कि कुछ तो बुरा होने वाली है।

वीरेंद्र_छोड़ी सोना नहीं है क्या?

वेदिका_जी।

फिर सब अपने अपने रूम में चले गए।

"Frneds support me end follow me

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